जो खुद को धोखा देता है उसको सारा विश्व धोखा देता है । कम से कम अपने आपसे तो वफादार रहो । जैसे भीतर हो वैसे बाहर हो कर रहो । जो खुद से वफादार नहीं रह सकता वह गुरु से भी वफादार नहीं रह सकता । जो गुरु से वफादार नहीं रह सकता वह सिद्धि नहीं पा सकता, अपने लोक-लोकान्तर को नहीं सुधार सकता । – पूज्य बापूजी
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