परमात्म-ध्यान करने से परमात्मा का आनंद आता है और ध्यान दृढ़ होने से परमात्मा स्वयं प्रकट हो जाते हैं ।

साध्वी ज्योत्सना बहन के सान्निध्य में गीता-भागवत सत्संग: आप्टी, सिल्वासा

साध्वी ज्योत्सना बहन के सान्निध्य में गीता-भागवत सत्संग: सुकलबारी, सिल्वासा

साध्वी ज्योत्सना बहन के सान्निध्य में गीता-भागवत सत्संग: नानी दमण आश्रम, गुजरात

साध्वी ज्योत्सना बहन के सान्निध्य में गीता-भागवत सत्संग एवं तुलसी पूजन दिवसः सुखाला, कपराडा, गुजरात

केवल ज्ञान का फल, परमात्म-साक्षात्कार का फल ही शाश्वत है, दूसरा कुछ शाश्वत नहीं ।

परम शांत होने से परमात्मप्राप्ति की योग्यता एकदम कमल की नाईं खिलती है ।

Divine Diwali | Happy Diwali Celebration

This materialistic approach of seeking pleasure irrespective of anything itself has created this void. The real question to ask ourselves is – How does one fill this void and make it more inclusive?

जिसके हृदय में सबके हित का भाव रहता है वह भगवान के हृदय में स्थान पाता है ।

तुलसी-पूजा क्यों ?

25 दिसम्बर को देश-विदेश में अनेक स्थानों पर तुलसी पूजन दिवस मनाया जायेगा । आइये जानते हैं रोग, शोक, पाप, ताप, दरिद्रता हर के आरोग्य, सुख-शांति व समृद्धि देनेवाली तुलसी के पूजन का धार्मिक व वैज्ञानिक महत्त्व :