रक्षाबंधन पर बहन भाई को सूत्र का धागा बाँधती है । सगे भाई-बहन हों अथवा चित्त में जिसके प्रति भाई या बहन का भाव जग जाय वे यह पर्व मनाते हैं । यदि चित्त की शुद्ध व उम्दा भावनाएँ...
सब एक ही चीज चाहते हैं, चाहे हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, पारसी, यहूदी हों, इस देश के हों चाहे दूसरे देश के हों, इस जाति के हों या दूसरी जाति के हों ।
और सब पूनमें हैं लेकिन यह पूनम गुरुपूनम, बड़ी पूनम है । और उत्सव व पर्व उल्लास, आनंद के लिए मनाये जाते हैं लेकिन यह उत्सव और पर्व आत्मा-परमात्मा की एकता के लिए मनाया जाता है ।
होली का उत्सव बहुआयामी है । यह स्वास्थ्य की तरफ, सामाजिक मेलजोल की तरफ और न जाने किस-किस ढंग से इस जीव को अपनी सच्चाई (अपने वास्तविक स्वरूप आत्मा-परमात्मा) की तरफ उत्साहित कर देता है । इस दिन बच्चे...
सुख-शांति, आनंद चाहिए तो ‘भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय का ३६वाँ श्लोक अर्थसहित लाल स्याही से लिखकर घर में टाँग दो । स्थाने हृषीकेश तव प्रकीर्त्या जगत्प्रहृष्यत्यनुरज्यते च । रक्षांसि भीतानि दिशो द्रवन्ति सर्वे नमस्यन्ति च सिद्धसंघाः ।। ‘हे अंतर्यामिन् ! यह...