20
Nov
- पुरुषों के लिए जितनी इंच लम्बाई उतना वजन उचित है (जैसे 65 इंच कद हो तो वजन लगभग 65 किलो होना चाहिए) । महिलाओं के लिए जितनी इंच लम्बाई उससे 3 से 5 किलो कम वजन उचित है ।
* वजन बढ़ाने हेतु
* क्या खायें : मधुर व स्निग्ध पदार्थ, जैसे – देशी गाय या भैंस का दूध-घी, मक्खन, ताजा मीठा दही, गेहूँ, दालें, चावल, उड़द, चने, लाल चौलाई, शकरकंद, चुकंदर, मूँगफली, गोंद, तिल, फलों में आम, केला, चीकू, सीताफल, सेवफल; नारियल, खजूर, बादाम, काजू, अखरोट, अंजीर, मखाना आदि सूखे मेवे ।
* 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण घी-मिश्रित दूध अथवा आँवले के 20 मि.ली. रस के साथ सुबह लेना पुष्टिकारक है । साथ में भिगोये हुए 5-7 खजूर ले सकते हैं ।
* सुवर्ण-सिद्ध जल : 4 लीटर पानी में 4-5 ग्राम शुद्ध सुवर्ण डाल के पानी को उबालकर आधा करें । इसका सेवन विशेष लाभदायी है ।
* क्या न खायें : कड़वे, कसैले, तीखे, रूखे-सूखे पदार्थ, जौ, ज्वार, मूँग, अरहर, करेला, मेथीदाना, सहजन, शहद, त्रिफला, हरड़, गोमूत्र आदि न लें ।
* क्या करें : उचित समय पर निद्रा एवं वीर्य की सुरक्षा पर अवश्य ध्यान दें । प्रातः 3 से 5 बजे के बीच प्राणायाम करें । हास्य-प्रयोग करें, प्रसन्नचित्त रहें । मन की शांति शरीर को पुष्ट करनेवाले उपायों में सर्वश्रेष्ठ है ।
* क्या न करें : अधिक उपवास, भुखमरी, चिंता, शोक, भय, व्यथा, अति मानसिक परिश्रम, क्षमता से अधिक कार्य, व्यायाम व प्राणायाम, रात्रि-जागरण, व्यसन, हस्तमैथुन, पति-पत्नी के अधिक व्यवहार, अजीर्ण, कब्ज आदि से बचें ।
* ध्यान दें : पौष्टिक आहार पचाने हेतु पाचनशक्ति अच्छी होना जरूरी है । इस हेतु सूर्यनमस्कार, व्यायाम व आसन नियमित करें । भूख की कमी हो तो पहले लीवर टॉनिक टेबलेट, एलोवेरा जूस, पंचरस आदि लेकर या वैद्यकीय सलाह से औषधि-सेवन करके पाचनशक्ति बढ़ायें । मालिश भी खूब हितकारी है ।
* वजन बढ़ाने में सहायक उत्पाद : पुष्टि कल्प, अश्वगंधा चूर्ण, शतावरी चूर्ण, च्यवनप्राश, अश्वगंधा पाक, सौभाग्य शुंठी पाक, द्राक्षावलेह, मामरा बादाम, खजूर, घी । (ये आश्रम के सत्साहित्य सेवा केन्द्रों पर व समितियों में उपलब्ध हैं ।) - विशेष : ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश’ पुस्तक में दिये गये नियमों का पालन आवश्यक है ।
- वजन घटाने हेतु
- क्या न खायें : वजन बढ़ाने हेतु जिन वस्तुओं का वर्णन इस पर्चे में किया गया है उनका सेवन न करें । आलू, पनीर, मावा, मिठाइयाँ, तले हुए पदार्थ, बिस्कुट-ब्रेड आदि बेकरी के पदार्थ, खमीरीकृत (fermented) पदार्थ, मुरब्बे, जैम, कैचअप, चॉकलेट्स, फास्ट फूड, जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, आइसक्रीम, शरबत आदि जिनमें अधिक तेल, घी, चीनी, गेहूँ के आटे/मैदे का उपयोग किया गया हो ।
* क्या खायें : अल्प चिकनाईवाले, कड़वे, कसैले, अल्प शर्करा युक्त (low carbohydrate), अधिक रेशेवाले व कम कैलोरीवाले पदार्थ, जैसे – जौ, ज्वार, बाजरा, साँवाँ, कंगनी, मूँग, मसूर, मोठ, अरहर, करेला, मेथी व मेथीदाना, सहजन, मूली व मूली के पत्ते, हल्दी, सोंठ, ज्वार की धानी, मुरमुरे, भुने चने, ग्वारपाठा आदि । भोजन के बीच व बाद में गर्म पानी पियें, गाय का दूध (मलाईरहित) ले सकते हैं ।
* क्या करें : * प्रातः 3 से 5 बजे के बीच प्राणायाम (इससे अंतःस्रावी ग्रंथियों का कार्य संतुलित होकर वजन नियंत्रित रहता है) । * सूर्यस्नान, सूर्यनमस्कार, दौड़ने या चलने का व्यायाम व आसन । * शारीरिक कार्य बढ़ायें, अधिक नींद से बचें । * हो सके तो दिन में एक बार ही सुबह 9 से 11 के बीच भोजन करें, आवश्यक लगे तो शाम को 5 से 7 के बीज अल्पाहार लें । * भोजन धीरे-धीरे व खूब चबाकर करें । * भोजन के बाद थोड़ा टहलें, वज्रासन में बैठें ।
* क्या न करें : दिन में बिल्कुल न सोयें । आरामप्रियता, सुखशीलता, एक स्थान पर सतत बैठे रहना, स्वादलोलुपता इनसे बचें । सुबह देर तक न सोयें ।
* 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 नींबू व 25 तुलसी-पत्तों का रस अथवा 15-20 मि.ली. तुलसी अर्क व 1 चम्मच शहद मिलाकर सप्ताह में 2-3 दिन (रविवार को छोड़कर) सुबह खाली पेट लें ।
वजन घटाने हेतु सहायक औषधियाँ : त्रिफला रसायन कल्प, शोधनकल्प चूर्ण, पंचरस, हरड़ चूर्ण या टेबलेट, त्रिफला चूर्ण या टेबलेट, गोमूत्र या गोमूत्र अर्क, गोझरण वटी, गिलोयादि अर्क । (ये आश्रम के सत्साहित्य सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध हैं ।)
आयुर्वेद के अनुसार तिल के शुद्ध तेल का सेवन दुबले शरीर में चरबी बढ़ाता है व मोटे शरीर से चरबी घटाता है अर्थात् यह वजन बढ़ाने तथा घटाने दोनों में सहायक है ।
विशेष : ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश’ पुस्तक में दिये गये नियमों का पालन आवश्यक है ।
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