(शरद पूर्णिमा : 19 अक्टूबर)
आरोग्य व पुष्टि देनेवाली खीर
शरद पूनम की रात को आप जितना दूध उतना पानी मिलाकर आग पर रखो और खीर बनाने के लिए उसमें यथायोग्य चावल तथा शक्कर या मिश्री डालो । पानी वाष्पीभूत हो जाय, केवल दूध और चावल बचे, बस खीर बन गयी । जो दूध को जलाकर तथा रात को बादाम, पिस्ता आदि डाल के खीर खाते हैं उनको तो बीमारियों का सामना करना पड़ता है । उस खीर को महीन सूती कपड़े, चलनी या जाली से अच्छी तरह ढककर चन्द्रमा की किरणों में पुष्ट होने के लिए रात्रि 9 से 12 बजे तक रख दिया । बाद में जब खीर खायें तो पहले उसे देखते हुए 21 बार ‘ॐ नमो नारायणाय ।’ जप कर लें तो वह औषधि बन जायेगी । इससे वर्षभर आपकी रोगप्रतिकारक शक्ति की सुरक्षा व प्रसन्नता बनी रहेगी ।
इस रात को हजार काम छोड़कर कम-से-कम 15 मिनट चन्द्रमा की किरणों का फायदा लेना, ज्यादा लो तो हरकत नहीं । छत या मैदान में विद्युत का कुचालक आसन बिछाकर चन्द्रमा को एकटक देखना । अगर मौज पड़े तो आप लेट भी सकते हैं । श्वासोच्छ्वास के साथ भगवन्नाम और शांति को भरते जायें, निःसंकल्प नारायण में विश्रांति पायें ।
Ref: RP-ISSUE285-September-2016
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