चन्द्रग्रहण-सूर्यग्रहण का विज्ञान खंडग्रास चन्द्रग्रहण : 28 अक्टूबर (अहमदाबाद में समय : रात्रि 1-06 से 2-22 तक अर्थात् 29 अक्टूबर 1-06 AM से 2-22 AM तक)
Grahan Tips
- चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय संयम पूर्वक जप-ध्यान व् उपवास करने से कई गुना फल होता है।
- ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।
- भगवान वेदव्यास जी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्य ग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है। यदि गंगा जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदायी होता है।
- ग्रहण के समय उपवासपूर्वक ब्राह्मी घृत का स्पर्श करके ‘ॐ नमो नारायणाय‘ मंत्र का आठ हजार जप करने के पश्चात ग्रहणशुद्ध होने पर उस घृत को पी ले। ऐसा करने से साधक, मेधा (धारणाशक्ति), कवित्वशक्ति तथा वाकसिद्धि प्राप्त कर लेता है।
- देवी भागवत में आता हैः सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक अरुतुन्द नामक नरक में वास करता है। फिर वह उदर रोग से पीड़ित मनुष्य होता है फिर गुल्मरोगी, काना और दंतहीन होता है। अतः सूर्यग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्र ग्रहण में तीन प्रहर ( 9 घंटे) पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालकक और रोगी डेढ़ प्रहर (4.5 – साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं। ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो, उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
- ग्रहण वेध के पहले (सूतक से पूर्व) सभी पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल देने से, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।
- ग्रहणकाल के बाद, सचैल (वस्त्रसहित)स्नान करना चाहिए। स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं | ग्रहणकाल में स्पर्श किये हुए वस्त्र आदि (आसान, माला, गौमुखी आदि भी ) धो लेना चाहिए |
- ग्रहण के समय सोने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र, मल त्यागने से कीड़ा, स्त्री प्रसंग करने से सूअर और उबटन लगाने से व्यक्ति कोढ़ी होता है। गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए।
- ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जररूतमंदों को वस्त्र और उनकी आवश्यक वस्तु दान करने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
- ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।