दशहरा की शाम – सूर्यास्त के समय (आकाश में तारे उदय होने का समय ) – वो सर्व सिद्धिदायी विजय काल कहलाता है | उस समय का जप बहुत लाभदायी है |

शाम को घर पे ही स्नान आदि करके, धुले हुए कपडे पहनकर, ज्योत जलाकर
” राम रामाय नम: “ मंत्र जपना चाहिए |

विजयादशमी है ना तो रामजी का नाम और फिर मन-ही-मन गुरुदेव को प्रणाम करके – “गुरुदेव सर्व सिद्धिदायी विजयकाल चल रहा है की हम विजय के लिए ये मंत्र जपते हैं” –
“ॐ अपराजितायै नमः “

ये मंत्र १ – २ माला जप करना और इस काल में श्री हनुमानजी का सुमिरन करते हुए इस मंत्र की एक माला जप करें :-
“पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना ।
कवन सो काज कठिन जग माहि, जो नहीं होत तात तुम पाहि ॥”

फिर गुरुमंत्र की कुछ माला कर लें ।

फिर देखो अगले साल की दशहरा तक गृहस्थ में जीनेवाले को बहुत-बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते है |

 

Note: वर्षभर में साढ़े तीन दिन विशेष मुहूर्त वाले दिन होते हैं उनमे से – विजयादशमी (आश्विन शुक्ल दशमी या दशहरा ) ये पुरे तीन मुहुर्त स्वयं सिद्ध है |

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