जन्माष्टमी की रात – महारात्रि
जन्माष्टमी का व्रत – एकादशी व्रत से हजार गुना अधिक फलदायी होता है। इस रात 12 बजे भगवान नारायण ने स्वयं अवतार लिया था।
जन्माष्टमी की रात – 4 महारात्रियों में से एक है, इस रात को जप ध्यान करना सामान्य दिन की तुलना में अनगिनत बार फायदेमंद होता है।

भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण)

इस रात को जप करना बहुत लाभदायक होता है इसलिए साधक पूज्य बापूजी के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए महामृत्युंजय जप करते हैं.

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