23
Jan
एतत्पुष्पं कफं पित्तं कुष्ठं दाहं तृषामपि।
वातं स्वदं रक्तदोषं मूत्रकृच्छं च नाशयेत्।।
‘पलाश के फूल कुष्ठ, जलन, वात, पित्त, कफ, तृषा, रक्तदोष एवं मूत्रकृच्छ आदि रोगों का नाश करने में सहायक हैं।‘
‘‘पलाश के फूल हमारे तन, मन, मति और पाचन-तंत्र को पुष्ट करते हैं। वायुसंबंधी 80 प्रकार की बीमारियों को भगाने की शक्ति, गर्मी को पचाने की, सप्तरंगों व सप्तधातुओं को संतुलित करने की क्षमता पलाश में है।‘‘ – पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
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