पर्वों का गुच्छा यानी दीपोत्सव, दिवाली । दीपावली सामाजिक व धार्मिक उत्सव है और साधकों की दृष्टि से अपने स्वरूप में आने का उत्सव है । भगवान श्रीराम अयोध्या से दूर हैं तो अयोध्यावासियों के पास सब कुछ होते...

उल्लास, आनंद, प्रसन्नता बढ़ाने वाले हमारे पर्वों में, पर्वों का पुंज-दीपावली अग्रणी स्थान पर है। भारतीय संस्कृति के ऋषि-मुनियों, संतों की यह दूरदृष्टि रही है, जो ऐसे पर्वों के माध्यम से वे समाज को आत्मिक आनंद, शाश्वत सुख के मार्ग पर ले जाते थे।
ऐसी दिवाली मनाते हैं पूज्य बापूजी
संत हृदय तो भाई संत हृदय ही होता है। उसे जानने के लिए हमें भी अपनी वृत्ति को संत-वृत्ति बनाना होता है। आज इस कलयुग में अपनत्व से गरीबों के दुःखों को, कष्टों को समझकर अगर कोई चल रहे हैं तो उनमें परम पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू सबसे अग्रणी स्थान पर हैं। पूज्य बापू जी दिवाली के दिनों में घूम-घूम कर जाते हैं उन आदिवासियों के पास, उन गरीब, बेसहारा, निराश्रितों के पास जिनके पास रहने को मकान नहीं, पहनने को वस्त्र नहीं, खाने को रोटी नहीं ! कैसे मना सकते हैं ऐसे लोग दिवाली? लेकिन पूज्य बापू द्वारा आयोजन होता है विशाल भंडारों का, जिसमें ऐसे सभी लोगों को इकट्ठा कर मिठाइयाँ, फल, वस्त्र, बर्तन, दक्षिणा, अन्न आदि का वितरण होता है। साथ-ही-साथ पूज्य बापू उन्हें सुनाते हैं गीता-भागवत-रामायण-उपनिषद का संदेश तथा भारतीय संस्कृति की गरिमा तो वे अपने दुःखों को भूल प्रभुमय हो हरिकीर्तन में नाचने लगते हैं और दीपावली के पावन पर्व पर अपना उल्लास कायम रखते हैं।
अच्छी दिवाली हमारी
सभी इन्द्रियों में हुई रोशनी है। यथा वस्तु है सो तथा भासती है।।
विकारी जगत् ब्रह्म है निर्विकारी। मनी आज अच्छी दिवाली हमारी।।1।।
दिया दर्शे ब्रह्मा जगत् सृष्टि करता। भवानी सदा शंभु ओ विघ्न हर्ता।।
महा विष्णु चिन्मूर्ति लक्ष्मी पधारी। मनी आज अच्छी दिवाली हमारी।।2।।
दिवाला सदा ही निकाला किया मैं। जहाँ पे गया हारता ही रहा मैं।।
गये हार हैं आज शब्दादि ज्वारी। मनी आज अच्छी दिवाली हमारी।।3।।
लगा दाँव पे नारी शब्दादि देते। कमाया हुआ द्रव्य थे जीत लेते।।
मुझे जीत के वे बनाते भिखारी। मनी आज अच्छी दिवाली हमारी।।4।।
गुरु का दिया मंत्र मैं आज पाया। उसी मंत्र से ज्वारियों को हराया।।
लगा दाँव वैराग्य ली जीत नारी। मनी आज अच्छी दिवाली हमारी।।5।।
सलोनी, सुहानी, रसीली मिठाई। वशिष्ठादि हलवाइयों की है बनाई।।
उसे खाय तृष्णा दुराशा निवारी। मनी आज अच्छी दिवाली हमारी।।6।।
हुई तृप्ति, संतुष्टता, पुष्टता भी। मिटी तुच्छता, दुःखिता दीनता भी।।
मिटे ताप तीनों हुआ मैं सुखारी। मनी आज अच्छी दिवाली हमारी।।7।।
करे वास भोला ! जहाँ ब्रह्म विद्या। वहाँ आ सके न अंधेरी अविद्या।।
मनावें सभी नित्य ऐसी दिवाली। मनी आज अच्छी दिवाली हमारी।।8।।
आत्मज्योति जगाओ
दीपावली अर्थात् अमावस्या के गहन अंधकार में भी प्रकाश फैलाने का पर्व। यह महापर्व यही प्रेरणा देता है कि अज्ञानरूपी अंधकार में भटकने के बजाय अपने जीवन में ज्ञान का प्रकाश ले आओ…
पर्वों के पुंज इस दीपावली के पर्व पर घर में और घर के बाहर तो दीपमालाओं का प्रकाश अवश्य करो, साथ ही साथ अपने हृदय में भी ज्ञान का आलोक कर दो। अंधकारमय जीवन व्यतीत मत करो वरन् उजाले में जियो, प्रकाश में जियो। जो प्रकाशों का प्रकाश है, उस दिव्य प्रकाश का, परमात्म-प्रकाश का चिंतन करो।
Deepawali Articles
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सारे जीव सच्चिदानंद परमात्मा के अविभाज्य अंग हैं । परमात्मा आनंदस्वरूप है, शाश्वत है, ज्ञानस्वरूप है तो ये सारे पर्व, उत्सव और कर्म हमारे ज्ञान, सुख और आनंद की वृद्धि के लिए तथा हमारी शाश्वतता की खबर देने के...
Deepawali Tips
🪔 *घर में सुख शांति और बरकत हेतु*
🪔 इस पोस्ट में विभिन्न टिप्स दी जा रही हैं, जिस साधक को जो टिप अनुकूल हो वह कर सकता है l
🪔 आज के दिन *सप्तधान्य उबटन* (गेहूँ, जी, चावल, चना, मूँग, उड़द और तिल से बना मिश्रण) *से स्नान करने* से पुण्य, प्रसन्नता और आरेग्य की प्राप्ति होती है।
🪔 *दीप जलाकर तुलसी माता* का पूजन करें, इससे धन का कभी अभाव नहीं होगा ।
🪔 दीपावली के दिन *नया झाडू खरीद कर* लाएं । *पूजा के कमरे में लगायें* और उसे छुपाकर एक तरफ
रख दें | अगले दिन से उसका उपयोग करें | इससे दरिद्रता का नाश और लक्ष्मी जी का आगमन होता है ।
🪔 *सुबह, रात को बनाये काजल को घर के प्रत्येक सदस्य, महत्त्वपूर्ण स्थानों, गैस के चूल्हे, अलमारी इत्यादि पर हल्का-सा लगा दें*, विघ्न बाधायें दूर होकर बरकत बनी रहती है।
🪔 दिवाली के दिन *पति-पत्नी सुबह लक्ष्मी- नारायण- विष्णु मंदिर जाएं और एक साथ लक्ष्मी- नारायण जी को वस्त्र अर्पण करने से कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी* और संतान दिन दूनी- रात चौगुनी उन्नति करेगी ।
🪔 इस दिन *अशोक वृक्ष का पूजन करने तथा उसमें* *घी का दिया* जलाने से से धन-संपत्ति की वृद्धि होती है ।
🪔 अशोक और नीम के वृक्ष में रोगप्रतिकारक शक्ति होती है । *प्रवेश द्वार के उपर नीम, आम, अशोक आदि के पत्ते को तोरण* बाँधना मंगलकारी है।
🪔 *पूजा के स्थान पर मोरपंख* रखने से लक्ष्मी प्राप्ति में मदद मिलती है ।
🪔 इस दिन *लौंग और इलायची को जलाकर राख कर दें, उससे फिर गुरुदेव की फोटों को तिलक करें*, लक्ष्मी प्राप्ति में मदद मिलती है, घर में बरकत होती है।
थोड़ी *खीर कटोरी में डाल के और नारियल लेकर के घूमना और मन में “लक्ष्मी नारायण* का जप करना और खीर ऐसी जगह रखना जहाँ किसी का पैर ना लगे और *उसे गायें और 🦅कौए आदि खा जायें, और नारियल अपने घर के मुख्य द्वार पर फोड़ देना* और इसकी प्रसादी बाँटना | इससे घर में आनंद और सुख-शांति रहेगी ।
🪔 दिवाली (प्रत्येक अमावस्या) पर *हवन जरूर करें। गाय के गोबर के कंडे पर 5- 5 आहुतियाँ डालते हैं*, तो उस घर में सम्पदा व संवादिता की सम्भावना बढ़ जाती है । घी, गुड़, चंदनचूरा, देसी कपूर, गुगल, चावल, जौ और तिल ।
♦️ *मंत्र : “स्थान देवताभ्यो नमः, ग्राम देवताभ्यो नमः, कुल देवताभ्यो नमः।”*
*फिर 2-4 आहुतियाँ लक्ष्मीजी के लिए – ” ओम श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।”*
🪔 दिवाली के दिन पितरों को तर्पण करें ।
🪔 *स्वयं का घर लेना हो तो :* दिवाली के दिन किसी भूखे को भोजन और गाय को गुड़ खिलायें । इसके बाद प्रत्येक शुक्रवार को भूखे को भोजन और रविवार को गाय का गुड़।
🪔 *हल्दी का स्वस्तिक बनाकर उस पर एक तेल का व दूसरा घी का 🪔दीपक जलाना चाहिए तथा अक्षत, पुष्पादि* से स्वस्तिक की पूजा करनी चाहिए । अपने कमरे, ऑफिस, घर, दुकान आदि स्थानों पर भी हल्दी की स्वस्तिक बनायें |
*🪔2 घी और 🪔2 तेल के, इस प्रकार 4 दीपक चारों दिशाओं में जलाने चाहिए ।*
🪔 मुख्य द्वार पर *दायीं और बायीं ओर गेहूँ की ढेरी बनाकर उस पर दो सरसों के तेल के दीपक जला दें।* इससे सुख- शांति बनी रहती है | दीये🪔 रातभर जलते रहें ।
🪔 *मंदिर, तुलसी, बड़, पीपल, अशोक वृक्ष आदि में दीप दान करें ।*
🪔 *चांदी की कटोरी में अगर कपूर जलाकर आरती करें* तो परिवार की रक्षा होती है ।
🪔 हर अमावस्या (दिवाली को भी) पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं और अच्छी आत्माएं घर में जन्म लेती हैं ।
🪔 तुलसी में दीपदान से लक्ष्मीप्राप्ति होती हैं । लक्ष्मी जी को कभी तुलसी नहीं चढ़ाना, कमल चढ़ायें ।
🪔 *पूजन के लिए 13 या 26 दीपकों के बीच चौंमुखा 🪔दीपक जलायें । पूजा के बाद दीपकों को घर के मुख्य- मुख्य स्थानों पर रखें | चौमुखा दीपक रातभर जले ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ।*
🪔 दिवाली के दिन *तांबे के लोटे में जल और हल्दी डाल कर रखें ॥ पूजा के बाद पीले फ़ूल से इस जल का छिड़काव करें । बचा हुआ जल तुलसी में चढ़ा दें |* इस क्रिया को रोज करने से घर की लक्ष्मी स्थिर हो जायेगी ।
🪔 पूजन के समय *एक कटोरी में कच्चा दूध, गंगा जल, कुमकुम, फुल्ले आदि डालकर उसमें खजाना डाल दें (चाँदी के सिक्के) और सुबह उन्हें अपनी ️तिजोरी में रख लें ।*
🪔 ♦️ दीपावली पूजन के बाद शंख और डमरू बजाने से घर की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मीजी का आगमन बना रहता है ।