18
Feb

लोक संत
पूज्य बापूजी एक लोक संत है जो राष्ट्र की एकता और अखंडता के कट्टर समर्थक हैं । यही कारण है कि एक हिंदू संत होने के बावजूद हजारों मुस्लिम, ईसाई, पारसी, सिख, जैन और अन्य धर्मों के लोग उनसे दीक्षा प्राप्त करके गर्व महसूस करते हैं । उनके सत्संग में कहीं भी धार्मिक कट्टरता और संप्रदायवाद नहीं है । बापूजी का मानना है कि “दुनिया के सभी धर्म, आस्था, पंथ, जाति और वर्णों की उत्पत्ति शुद्ध दैवीय चेतना से हुई है और अंत में उसी में विलीन हो जायेगी तो फिर धर्म, जाति, भाषा और पंथ के नाम पर हम देश को क्यों बांट रहे हैं ?
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