जिसने प्रेम किया उसीने पिया को, प्रभु को पाया । अकड़ या कायदे-कानून से नहीं कि ‘मैं इतनी माला घुमाऊँगा तो तू आयेगा... मैं इतने यज्ञ करूँगा तो तू मिलेगा...’ नहीं । ‘मुझमें कुछ करने का सामर्थ्य है ही...
04Oct
14Sep
एक प्रांत का दूसरे प्रांत से संबंध जोड़ने के लिए एक सर्वसामान्य भाषा की आवश्यकता है । ऐसी भाषा तो हिन्दी-हिन्दुस्तानी ही हो सकती है ।
07Sep
जो कर्षित कर दे, आकर्षित कर दे, आनंदित कर दे उस परात्पर ब्रह्म का नाम श्रीकृष्ण है । कर्षति आकर्षति इति कृष्णः। सच पूछो तो श्रीकृष्ण ही शिष्य बने हैं, श्रीकृष्ण ही गुरु बने हैं, श्रीकृष्ण ही पिता बने हैं, माता...
18Aug
एक बार एक ब्रह्मवेत्ता महापुरुष को उनके शिष्य-समुदाय ने घेर लिया एवं प्रार्थना की : ‘‘गुरुदेव ! हम सब आपके दर्शन तो कई बार करते हैं लेकिन अब हमें प्रभु-तत्त्व का साक्षात्कार करना चाहिए - यह हम आपके सत्संग-प्रसाद...
16Aug
आपके मन में अथाह सामर्थ्य है । आप मन में जैसा संकल्प करो वैसा शरीर में घटित हो जाता है । आप जैसा दृढ़ संकल्प करते हो वैसे ही बन जाते हो । अपने को निर्बल कहो तो संसार...
16
Aug
03
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Jun
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Mar