बापूजी की आभा का वैज्ञानिक निष्कर्ष
डॉ हीरा तापडिया (भारतीय आभा विशेषज्ञ) ने पूज्य बापूजी की आभा का विश्लेषण किया। डॉ तापडिया बताते हैं कि पूज्य बापूजी की एक अनोखी आभा है, जो सामान्यत: 3 मीटर तक फैली है और दूसरों के साथ बातचीत करते समय 50 से 60 फीट तक फैलने में सक्षम है। वे आगे बताते हैं कि दूसरों में जहां केवल सकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने की क्षमता होती है वहीं पूज्य बापूजी में लोगों की नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने और दूर से ही उनमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने की अद्वितीय क्षमता है।
कौन हैं डॉ हीरा तापड़िया?
डॉ हीरा तापारिया जाने-माने आभा (ओरा) विशेषज्ञ हैं। उन्होंने लगभग छह साल तक तिब्बत के मास्टर लॉबान से इसकी शिक्षा ली है । अनुसंधान और विश्लेषण में आभा विज्ञान को लागू करने में उन्हे एक दशक से अधिक का अनुभव है। डॉ तापरिया ओरा विश्लेषण के लिए आईएसओ 9001 प्रमाणन प्राप्त करने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने 7 लाख से अधिक लोगों का ओरा टेस्ट किया है जिसमें हजारों प्रसिद्ध साधु-संतों और मशहूर हस्तियां शामिल है।
सहस्रार चक्र का 100% विकास
मानव शरीर में सात चक्र होते हैं। डॉ. तपरिया बताते हैं कि अभी तक वह किसी की आभा (ओरा) में सहस्रार चक्र और मूलाधार चक्र का 100% विकास नहीं देख पाये किंतु पूज्य बापूजी के ये चक्र पूरे 100% विकसित हैं।
संतों के आशीर्वाद से हुए ईलाज को अंधविश्वास माना जाता है लेकिन यह विश्लेषण बताता है कि कैसे पूज्य बापूजी के आशीर्वाद से हज़ारों लोग असाध्य रोगों से मुक्ति पा चुके हैं ।

जैसा कि डॉ. तापारिया ने बताया, हम जान सकते हैं कि कैसे लाखों लोग सांसारिक चर्चा किये बगैर घंटों तक जमीन पर बैठकर चुपचाप बापूजी का सत्संग सुनते हैं । वे धूम्रपान, नशा और दूसरे व्यसनों को सहज ही त्याग देते हैं । जप व ध्यान से मनुष्यों में बननेवाली उर्जा के प्रभाव को परखने के लिये उनके शिष्यों पर भी अनेक प्रयोग किये गये हैं |
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