परम पूज्य सद्गुरु साईं लीलाशाहजी महाराज ने आशीर्वाद देते हुए उनसे कहा,” आसाराम ! तू गुलाब होकर महक तुझे जमाना जाने | अब तुम गृहस्थी में रहकर संसारताप से तप्त लोगों में यह पाप, ताप, तनाव, रोग, शोक, दुःख-दर्द से छुड़ानेवाला आध्यात्मिक  प्रसाद बाँटों और उन्हें भी अपने आत्म-स्वरूप में जगाओ।