पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
शास्त्रवेत्ता, कुण्डलिनी योगसिद्ध , आत्मसाक्षात्कारी, ब्रह्मज्ञानी संत परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने, न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को अपने अमृत प्रवचनों से तृप्त किया है। वे विगत 50 वर्षों से भी अधिक समय से लोगों के आध्यात्मिक उत्थान हेतु निस्वार्थ भाव से समर्पित हैं और प्राणीमात्र में एक ईश्वरीय सत्ता का उपदेश देते हैं। न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और अन्य धर्मों के अनुयायि भी पूज्य बापूजी से दीक्षा प्राप्त कर गर्व महसूस करते हैं । भारत की राष्ट्रीय एकता-अखंडता व शांति के प्रबल समर्थक पूज्य बापूजी ने राष्ट्र के कल्याणार्थ अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है।

पूज्य बापूजी सारे देश में भ्रमण करके जागरण का शंखनाद कर रहे हैं , सर्वधर्म-समभाव की शिक्षा दे रहे हैं, संस्कार दे रहे हैं तथा अच्छे और बुरे में भेद करना सीखा रहे हैं |
पूज्य बापूजी एवं उनके आश्रम द्वारा गरीबों और पिछड़े लोगों को ऊपर उठाने के कर्य चलाये जा रहे हैं, मुझे प्रसन्नता है | मानव कल्याण के लिए, विशेषतः प्रेम व् भाईचारे के सन्देश के माध्यम से किये जा रहे विभिन्न आध्यात्मिक एवं मानवीय प्रयास समाज की उन्नति केलिए सहरानीय हैं |
About Ashram
ऋषि आश्रम एक ऐसा पवित्र स्थान है, जहाँ आप आत्मानन्द का अनुभव कर सकते हैं। वास्तव में यह आध्यात्मिक तपस्या स्थली है | वर्ष 1972 में, भारत के एक पवित्र व आत्म-अनुभवी संत, संत श्री आशारामजी बापू ने इसे अपने आध्यात्मिक अभ्यास, योग और भक्ति के माध्यम से एक-ऋषि-उद्यान ’के रूप में स्थापित किया था।
Information in Numbers
आश्रम
समाज सेवा और लोगों के आध्यात्मिक उत्थान के लिए एक मंच प्रदान करने हेतु दुनिया भर में कई आश्रमों का निर्माण हुआ है ।
सेवा समितियाँ
निष्काम कर्मयोग हेतु सेवा समितियाँ, आश्रम की सेवाओं को समाज के कोने-कोने तक पहुँचाने में जुटी रहती हैं।
बाल संस्कार केन्द्रः
बच्चों में सुसंस्कार सिंचन हेतु, उनके जीवन के सर्वांगीण विकास हेतु – विश्व भर में निःशुल्क ‘बाल संस्कार केन्द्रः’ चलाये जाते हैं |
गुरुकुल
आधुनिक विज्ञान और वैदिक आध्यात्मिकता के सही मिश्रण हेतु – एक महत्त्वपूर्ण कदम।
आश्रम के सेवा विभागों के संक्षिप्त विवरण
सबका मंगल ,सबका भला का उदघोष करनेवाले प्रातः स्मरणीय पूज्य संत श्री आशारामजी बापू अपने साधकों को भक्तियोग, ज्ञानयोग के साथ-साथ निष्काम कर्मयोग का भी मार्ग बताते है |पूज्य बापू जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में जनहित और समाज उत्थान के लिए विभिन्न सेवा कार्य देश विदेश में चलए जाते हैं | इन सेवा कार्यों को सुचारु रूप से चलाने हेतु विभिन्न विभागों का गठन किया गया है |
Seva Activities
50 वर्षों से निरंतर बहती जनहित की गंगा – ( बोलता -मुस्कुराता कर्मयोग )
Today's Thought
Upcoming Tithis
आज का हिन्दू पंचांग :
27 जनवरी 2022, शुक्रवारमास, 21, माघ शुक्ल पक्ष, षष्ठी 2079 राक्षस, विक्रम सम्वत
- 24 Januaryमंगलवारी चतुर्थी (दोपहर 3.22 से 15 जनवरी सूर्योदय)
- 25 Januaryमाँ सरस्वती पूजा
- 26 Januaryगणतंत्र दिवस
-
28 Januaryलाला लाजपतराय जयंती
तन तंदुरुस्त व मन प्रसन्न रहे तथा बुद्धि में बुद्धिदाता का प्रसाद प्रकट हो । – पूज्य बापूजी
Healthy Living
40 प्रतिशत लोगों को खर्राटे थकान के कारण आते हैं और 60 प्रतिशत लोगों...
प्रदीप्त जठराग्नि के कारण शीत ऋतु पौष्टिक व बलवर्धक आहार-सेवन के लिए अनुकूल होती...
पुरुषों के लिए जितनी इंच लम्बाई उतना वजन उचित है (जैसे ६५ इंच कद...
Sadhana
प्रणव के ‘अ’, ‘उ’ और ‘म्’ इन तीनों अक्षरों से जीव और ब्रह्म की...
मकर संक्रांति अर्थात् उत्तरायण महापर्व के दिन से अंधकारमयी रात्रि छोटी होती जायेगी और...
Gallery
Wallpapers
दर्शन की बलिहारी, गुरुजी तुम्हारे दर्शन की बलिहारी। जिन्हें दरश सुख दिये, दया करि, आवागमन निवारी। सुख स्वरुप कबीर कृपानिधि, पूरण परख बिहारी।।




सत्साहित्य
जिस घर में सत्साहित्य नहीं, वह घर नहीं , श्मशान है। – स्वामी विवेकानंद
अपने पेट में दवाएँ डलवाकर अथवा कातिल साधनों द्वारा शिशु के टुकड़े-टुकड़े करके गर्भपात करवाना क्या पवित्र कार्य कहा जायेगा ? गर्भपात को पाप ही नहीं, महापाप माना गया...
सनातन धर्म के ऋषियों ने कितनी सुंदर व्यवस्था की है कि भोजन में तुलसीदल रखो तभी ठाकुरजी को भोग लगता है । तुलसी पुण्यदायी पौधा है । तुलसी पाप-शमन...